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राजस्थान में परिवहन : विस्तृत विवरण

राजस्थान में मुख्यतः निम्न प्रकार के परिवहन लोगों द्वारा प्रयोग में लिए जाते है-
1.रेल परिवहन
2.सड़क परिवहन
3.वायु परिवहन

1.राजस्थान में रेल परिवहन

राजस्थान में रेल मार्ग परिवहन का महत्व पूर्ण अंग है जो न केवल आंतरिक परिवहन अपितु राज्य को देश के अन्य भागों से जोड़ता है
रेल मार्ग का अर्थ
दो समांतर लोह पट्टियों द्वारा निर्मित मार्ग जिस पर रेल गाड़ियां चलती है उसे रेल मार्ग कहते हैं इन लोह पट्टियों के बीच की दूरी में अंतर भी मिलता है जिसे रेलवे गेज करते हैं
राजस्थान में रेलमार्गो का विकास
राजस्थान में रियासतों का काल आर्थिक विकास के पतन का समय रहा है  परिवहन व संचार के साधनों के विकास पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया था कुछ रियासतों ने अपनी निजी रेलमार्गों का निर्माण करवाया जिसमें बिकानेर और जोधपुर प्रमुख थे स्वतंत्रता से पूर्व ही राजस्थान में अनेक रेल मार्गो का विकास हो चुका था जिन्हें ब्रिटिश शासकों और स्थानीय शासकों ने आपसी समझौते से निर्मित किया था इस प्रकार का समझौता 1873 में जयपुर राज्य के मध्य किया गया और फल स्वरुप अप्रैल 1874 में राज्य में पहली रेल आगरा फोर्ट से बांदीकुई तक प्रारंभ की गई थी इसके पश्चात दिल्ली से अलवर और अलवर से बांदीकुई तक रेलमार्ग प्रारंभ हुआ 1879 को भारतीय रेलवे गारंटी एक्ट पास हुआ था अगस्त 1879 में अजमेर में रेलवे का कारखाना खोला गया
1 जनवरी  1881 को अहमदाबाद अजमेर रेल मार्ग प्रारंभ हुआ 1 दिसंबर 1884 को अजमेर खंडवा और 31 जनवरी 1885 को लूनी जोधपुर रेल मार्ग बना इसी क्रम में 1887 में लूनी जंक्शन से पचपदरा और 1891 में जोधपुर मेड़ता मेड़ता रोड से नागौर नागौर से बीकानेर रेल मार्ग बना था अगस्त 1895 मे चित्तौड़गढ़ से देवारी 1897 में उदयपुर रेलवे की स्थापना की गई थी 1900 से 1948 अर्थात स्वतंत्रता से पूर्व राज्य में जयपुर कोटा बीकानेर उदयपुर रेल मार्ग विकसित किए थे धोलपुर एक छोटी रियासत होने से यह एक नेरोगेज रेल धौलपुर से बाड़ी होते हुए तंतुक और दूसरी समरथपुरा तक1908 में प्रारंभ हुई थी
स्वतंत्रता से पूर्वी राजस्थान में 80% से अधिक रेल मार्ग का निर्माण ब्रिटिश काल में ही हो चुका था
1950 में राजस्थान की सभी रियासतों के रेल मार्गों को भारत सरकार ने अपने नियंत्रण में कर उन का पुनर्गठन कर दिया था इन पुनर्गठन व्यवस्था के अंतर्गत जयपुर और उदयपुर के रेलमार्ग पश्चिमी रेलवे के अंतर्गत और जोधपुर व बीकानेर के रेल मार्गो को उत्तरी रेलवे के अंतर्गत शामिल कर लिया गया था  
राजस्थान में रेलवे जोन और राजस्थान में संचालित विशेष रेल
वर्तमान में भारत में 17 रेलवे जोन है जिनमें से एकमात्र रेलवे जोन उत्तर-पश्चिमी रेलवे जोन जयपुर में स्थित है इस रेलवे जोन की स्थापना 1 अप्रैल 2003 को की गई थी इसका मुख्यालय जयपुर में है राजस्थान में स्थित पांच मंडल जयपुर जोधपुर अजमेर बीकानेर और कोटा में से कोटा को छोड़कर शेष सभी मंडल उत्तर-पश्चिमी रेलवे जोन में आते हैं कोटा रेल मंडल एकमात्र ऐसा मंडल है जो पश्चिमी मध्य जोन  में स्थित है जिसका मुख्यालय जबलपुर स्थित है
वर्तमान में राजस्थान में एक जोन और कुल 5 मंडल कार्यालय हैं और 2 जोन कार्यरत हैं राजस्थान में प्रथम रेल की शुरूआत जयपुर रियासत से आगरा फोर्ट से बांदीकुई के बीच 18 अप्रैल 1874 में हुई थी
रेलवे हमारे संविधान में संघ सूची का विषय बनाया गया है
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पैलेस ऑन व्हील्स( रेल पहियों का राजमहल)
राज्य में पर्यटन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से भारतीय रेलवे और राजस्थान पर्यटन विकास निगम के सहयोग से सहयोग पर राज माल अर्थात पैलेस ऑन व्हील  प्रारंभ की गई थी इस ट्रेन का आरंभ 26 जनवरी 1982 को किया गया था इस ट्रेन ने वर्ष 2013 का उत्तर भारत की सर्वश्रेष्ठ लग्जरी ट्रेन का खिताब जीता है इस ट्रैन को राजस्थान पर्यटन विकास निगम लिमिटेड व भारतीय रेलवे द्वारा संचालित किया जाता है दिल्ली निवासी मोनिका खन्ना ने इस रेलगाड़ी की आंतरिक सज्जा की है इस गाड़ी में 14 कोच 2 रेस्तरा(द-महाराजा और द-महारानी है इसका रूट दिल्ली जयपुर  सवाई माधोपुर चित्तौड़ उदयपुर जैसलमेर जोधपुर से आगरा तक है
ब्रोडगेज की पैलेस ऑन व्हील्स का प्रारंभ सितंबर 1995 में किया गया था
हेरिटेज ऑन व्हील्स
हेरिटेज ऑन व्हील रेल का प्रारंभ 17 फरवरी 2009 से राजस्थान में किया गया था पश्चिमी मध्य रेलवे जबलपुर द्वारा रेलवे का पहला इंजीनियरिंग सुपरवाइजर ट्रेनिंग सेंटर कोटा में खोला है
मोनोरेल
राजस्थान के छह शहरों जयपुर जोधपुर कोटा उदयपुर अजमेर और बीकानेर में मोनो रेल चलाने का प्रस्ताव मलेशियन कंपनी एम. रेल इंटरनेशनल द्वारा राज्य सरकार को दिया गया है इसके तहत दो डिब्बों वाली मोनो रेल का संचालन मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाले राजस्थान निवेश प्रोत्साहन बोर्ड की देखरेख में किया जाएगा कंपनी द्वारा राज्य में रेल कोच असेंबली स्थापित की जाएगी
थार एक्सप्रेस
भारत और पाकिस्तान के मध्य में थी संबंधों की स्थापना करने के उद्देश्य से थार एक्सप्रेस रेल का संचालन  राज्य में किया गया यह रेल जोधपुर मुनाबाव बाड़मेर से खोखरापार(पाकिस्तान) के मध्य चलाई गई थी यह ट्रेन 1965 में भारत-पाक युद्ध के दौरान इसे बंद बाड़मेर जिले के मुनाबाव से पाकिस्तान में खोखरापार होते मीरपुरखास तक 18 फरवरी 2006 से चालू किया गया था कर दिया गया था!अब पुन: चालू कर जोधपुर से मुनावाब तक इसे लिंक एक्सप्रेस और मुनावाब से जीरो पॉइंट तक इसे थार एक्सप्रेस कहा जाता है
मेट्रो रेल
राजस्थान में नगरीय रेल परिवहन में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है राजस्थान के जयपुर में मेट्रो रेल का निर्माण किया जाएगा जयपुर मेट्रो रेल परियोजना की क्रियान्विति हेतु राज्य सरकार द्वारा जयपुर मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड का पंजीकरण 1 जनवरी 2010 को कंपनी अधिनियम 1956 के अंतर्गत किया गया है राजस्थान के जयपुर जिले में मेट्रो रेल परियोजना का कार्य दो चरणों में पूरा होगा इसके प्रथम चरण का शिलान्यास 24 फरवरी 2011 को केंद्रीय मंत्री कमलनाथ द्वारा किया गया था जयपुर मेट्रो का प्रथम चरण का कार्य पूर्ण होने पर 18 सितंबर 2013 को ट्रायल रन का शुभारंभ किया गया मेट्रो के परीक्षण का एक चरण पूर्ण होने के बाद 3 जून 2015 से  फेज-1ए  में मानसरोवर से चांदपोल तक मेट्रो चलने लगी जयपुर मेट्रो रेल परियोजना को 24 अगस्त 2009 को आयोजित की गई बैठक में सैद्धांतिक सहमति दी गई थी इसके बाद 22 अप्रैल 2010 को मंत्रिमंडल की बैठक में परियोजना का पब्लिक प्राइवेट पार्टशिर्प मॉडल पर क्रियान्वन करने का निर्णय किया गया पुन:21 जुलाई 2010 को मंत्रिमंडल की बैठक में परियोजना के प्रथम और द्वितीय चरण के क्रियान्वयन की रूपरेखा पर लगाई
कॉम्प्रिहेन्सिव मोबिसिटी प्लान जनवरी 2010 के तत्व के आधार पर वर्ष 2014 में मेट्रो रेल को संचालित किया जाना चाहिए जबकि राज्य सरकार ने जून 2013 में ही राजधानी में मेट्रो ट्रेन रेल के संचालन का लक्ष्य रखा है बीते दशक में भारत को दो नई मेट्रो रेल सेवाएं मिली और चालू दशक में कम से कम 10शहरों में मेट्रो सेवा उपलब्ध होगी यह शहर है- लुधियाना चंडीगढ दिल्ली एनसीआर जयपुर लखनऊ अहमदाबाद भोपाल कोलकाता इंदौर मुंबई पुणे हैदराबाद बेंगलुरु चेन्नई और कोचिं इसमें दिल्ली एनसीआर बेंगलुरु और कोलकाता में 1984 में मेट्रो रेल सेवा शुरू हुई थी जयपुर मेट्रो के दोनों कोरिडोर में 35.166 किलोमीटर की दूरी और 9732 करोड़ का खर्च प्रस्तावित है
जून 2015 गुलाबी नगर के लिए ऐतिहासिक दिन था दिल्ली के बाद जयपुर पहला उत्तर भारतीय शहर है जहां मेट्रो ट्रेन शुरू हुई है मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने 3 जून 2015 को सुबह 11:00 बजे मानसरोवर भृगु पथ स्थित स्टेशन से मेट्रो ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर फेज-1ए का उद्घाटन किया था पहले चरण में देरी के बावजूद यह देश में सबसे जल्दी पूरा होने वाला प्रोजेक्ट है 9 स्टेशन पहले चरण में 9.63 किलोमीटर मेट्रो का सफर 5₹ से 15₹ का टिकिट 2023 की लागत से बनी है तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में भी 29 जून 2015 को मेट्रो शुरु हो गई है इसके साथ ही चेन्नई शहर, कोलकाता नई दिल्ली मुंबई और शहरों की सूची में शामिल हो गया है जहर लोगों को मेट्रो की सुविधा हासिल है प्रथम चरण में अजमेर पुलिया से सोडाला तक एलिवेटेड ट्रैक का निर्माण किया गया है यह ट्रेक देश का पहला और एशिया का दूसरा ट्रेक होगा जहॉ जमीन से ऊपर एलिवेटेड रोड और उसके ऊपर ही गुजराती मेट्रो रेल होगी थाईलैंड की राजधानी बैंकाक में एशिया का ऐसा पहला थ्री डेक ट्रैक है जयपुर में फेज-बी के कार्य का शिलान्यास 21 सितंबर 2013 को किया गया था

2.राजस्थान में सड़क परिवहन

सारथी(चालको और परिचालकों को लाइसेंस)
चालको और परिचालकों को लाइसेंस देने का कार्य मोटरयान अधिनियम 1988 के अंतर्गत जिला परिवहन अधिकारी या अधिकृत व्यक्ति द्वारा संपन्न किया जाता है विभाग में चालक लाइसेंस कार्य का सारथी सॉफ्टवेयर पर नेटवर्क आधारित कंप्यूटराइजेशन किया जा रहा है
सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने हेतु कार्ययोजना
राज्य में बढ़ती सड़क दुर्घटनाएं राज्य सरकार के लिए चिंता का विषय है सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए विभाग द्वारा निम्नलिखित उपाय किए गए हैं
राज्य में माननीय परिवहन मंत्री की अध्यक्षता में स्टेट रोड सेफ्टी काउंसिल का गठन 3 जुलाई 2009 को दिया गया है जो बढ़ती दुर्घटनाओं के कारण और इन में कमी लाने के बारे में विचार कर सुझाव देती है कौंसिल ने अल्पकालीन और दीर्घकालीन योजनाओं को अपनाया है
सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के संबंध में कार्यवाही के लिए विभाग में अलग से सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ बनाया गया है
विभाग में आधुनिकरण की महति योजना के अंतर्गत प्रथम चरण में 5 इंटरसेप्टर राष्ट्रीय राजमार्गों पर तैनात किए गए हैं ये वाहनों के निर्धारित गति सीमा में चलने सीट बेल्ट का उपयोग करने नशे में वाहन नहीं चलाने वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करने और यात्री वाहनों में क्षमता से अधिक सवारी नहीं बैठाने संबंधी यातायात नियमों की पालना कराते हैं
सभी जिलों में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा समिति का गठन किया गया है जिसमें संबंधित विभागों के अधिकारियों स्वयंसेवी संगठनों और अन्य संबंधित संगठनों के पदाधिकारियों को सदस्य मनोनीत किया गया है
दुर्घटनाओं का कारण बनने वाले धीमी गति के वाहनों यथा ट्रैक्टर ट्रॉली ऊंट गाड़ी बेल गाड़ी आदि वाहन पर लगभग 4.30 लाख रिफ्लेक्टर लगाए गए हैं यातायात संबंधी अपराधों के प्रकरण में लाइसेंस पंचिंग करने की कार्यवाही किए जाने के निर्देश प्रदान किए गए हैं
NH पर मिलने वाली सड़कों पर सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा 1850 स्पीड ब्रेकर बनाए गए और निर्धारित गति सीमा और यातायात चिन्हों के बोर्ड लगाए गए हैं
राजस्थान में सड़क निर्माण का मास्टर प्लान :(1981 से 2011)
राज्य ने सड़क विकास का मास्टर प्लान सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा तैयार किया था जिसकी तथ्य इस प्रकार थे
सभी पंचायत मुख्यालयों को सड़कों से जोड़ना 1000 व इससे अधिक जनसंख्या (1971 की जनगणनानुसार) वाले सभी गांव को सड़कों से जोड़ना बढ़ी जिला सड़कों पर आवश्यक पुलों का निर्माण करना
सड़कों की गायब कड़ियों को बनाना
अंतर्राज्यीय सड़कों का निर्माण करना
रेलवे स्टेशन तक सड़कों का निर्माण करना
पर्यटन स्थल व धार्मिक स्थलों तक सड़कों का निर्माण करना
खनन सड़के बनाना
औद्योगिक केंद्रों और कृषि मंडी तक सड़के बनवाना
दुग्ध के मार्ग और पंचायत मुख्यालय और आवासीय क्षेत्रों में आवश्यक छोटी-छोटी संपर्क सड़के बनवाना
सड़क विकास तेजी से हो सके इसलिए इस योजना को कृषि उपज मंडी समिति केंद्रीय सड़क कोष ग्रामीण निर्माण कार्यक्रम व अकाल कार्यों से जोड़ने पर बल दिया गया है राजस्थान में नागपुर योजना के अनुसार सड़कों को विकसित किया गया है साथ ही मुंबई प्लान मास्टर प्लान के अलावा सब सड़क तंत्र के कायापलट के लिए राजस्थान रोड विजन 2025 तैयार किया गया है          

राजस्थान में सड़क परिवहन का घनत्व
राजस्थान को सड़कों के गलत की दृष्टि से निम्न वर्गों में रखा जा सकता है
1⃣  सघन घनत्व के क्षेत्र
इस में राजस्थान के अलवर अजमेर जयपुर भरतपुर दौसा जोधपुर राजसमंद उदयपुर कोटा भीलवाड़ा और श्री गंगानगर जिले सम्मिलित है इन 11 जिलों में राजस्थान की 58 प्रतिशत सड़के पायी जाती हैं इन जिलों में खनिजों संसाधन धात्विक और अधात्विक खनिज खाद्यान्न व्यापारिक रेशेदार और पेय फसले रबी जायद व खरीफ की फसलें वस्त्र रसायन सीमेंट हस्तकला औद्योगिक पार्को जनसंख्या का सघन बसाव उपजाऊ भूमि व समतल मैदान का विस्तार अधिक पाया जाता है साथ ही इस प्रदेश में विकास की प्रचूर संभावनाएं पाई जाती है लोगों में सड़कों के रखरखाव के प्रति  जागरूकता पायी जाती है यहां पर राष्ट्रीय राजमार्ग राज्य मार्ग जिला व ग्रामीण सड़कों की अधिकता पाई जाती है
2⃣  मध्यम घनत्व के क्षेत्र
इसके अंतर्गत राजस्थान के चित्तौड़ धौलपुर सवाई माधोपुर करौली बूंदी टोंक झालावाड बॉरा झूंझुनू सीकर हनुमानगढ़ नागोर पाली बांसवाड़ा डूंगरपुर जिले सम्मिलित है इन 15 जिलों में राजस्थान की कुल सड़कों का 32 प्रतिशत भाग सम्मिलित है राजस्थान के इन जिलों में आर्थिक क्रियाएं सीमित मात्रा में पाई जाती है यद्यपि यहां पर खनन कृषि औद्योगिक क्रिया की जाती है साथ ही इन क्षेत्रों में जनसंख्या का बसाव मध्यम है इन प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्गो राज्य मार्ग पाए जाते हैं
3⃣  कम घनत्व के क्षेत्र
इसके अंतर्गत राजस्थान के चूरु बीकानेर जालौर सिरोही प्रतापगढ़ जिले आते हैं इन 5 जिलों में राजस्थान की 8 प्रतिशत सड़के पाई जाती हैं राजस्थान के इन जिलों में खनिज संसाधनों वनस्पति उद्योगों जनसंख्या की कमी के कारण सड़क मार्गों की कमी पाई जाती है साथ ही भौतिक दशाएं भी विषम पाए जाती है सिरोही और प्रतापगढ़ जिले में भौतिक उच्चावच विषम पाया जाता है साथ ही अन्य जिलों में मरुभूमि पाई जाती है।
4⃣  न्यूनतम घनत्व क्षेत्र
इसके अंतर्गत राजस्थान के वे भू-भाग आते हैं जहां आर्थिक क्रियाओं का लगभग अभाव पाया जाता है जैसलमेर बाड़मेर पश्चिमी जोधपुर डूंगरपुर व बांसवाड़ा का अरावली पर्वतीय क्षेत्र सिरोही का आबू पर्वत खंड बीहड प्रदेश इसमें आते हैं इन क्षेत्रों में भविष्य में भी सड़क मार्गों के निर्माण की संभावनाएं कम पाई जाती है साथ ही सड़क मार्ग का निर्माण करना संभव नहीं और अनार्थिक भी है राजस्थान की 2 प्रतिशत सडके इस में सम्मिलित है।
भारतीय संविधान में विमानपत्तन को संघ सूची का विषय बनाया गया है अतः राज्य में वायु मार्गो व आवश्यक सुविधाओं के विकास- विस्तार का दायित्व केंद्र सरकार के नियंत्रण में है
1 अगस्त 1953 को वायु परिवहन का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया राष्ट्रीय विमान सेवा का संचालन इंडियन एयरलाइंस द्वारा किया जाता है जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में है अंतर्राष्ट्रीय विमान सेवाओं का संचालन एयर इंडिया कंपनी द्वारा किया जाता था जिसका मुख्यालय मुंबई में है
नेशनल एविएशन कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड 24 अगस्त 2007 को इंडियन एयरलाइंस और एयर इंडिया का विलय कर इस नई विमानन कंपनी का गठन किया गया एम एस सी आई एल का ब्रांड नाम एयर इंडिया शुभंकर महाराजा है पांच हवाई अड्डों को मिला अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का दर्जा केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ वाराणसी दक्षिण भारत के तिरुचिरापल्ली मंगलूर और कोयंबटूर समेत देश के पांच हवाई अड्डों को पूर्ण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का दर्जा 4 अक्टूबर 2012 को प्रदान किया गया        

3.राजस्थान मे वायु परिवहन

राजस्थान में वायु परिवहन का विकास अति सीमित हुआ है राज्य के केवल तीन नगर अर्थात जयपुर जोधपुर उदयपुर मे ही नियमित वायु सेवाओं से जुड़े हुए हैं वायुदूत की सेवाओं के अंतर्गत जैसलमेर बीकानेर कोटा के मध्य वायु सेवा प्रदान करने के प्रयत्न किए गए किंत वअभी भी नियमित वायुसेवा इन नगरो के मध्य प्रारंभ नहीं हो पायी कोटा और बीकानेर से शीघ्र वायु सेवा प्रारंभ होने की संभावना है जयपुर के हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय स्वरुप दिया जा चुका है अजमेर के लिए वायु सेवा प्रारंभ करने हेतु किशनगढ़ में हवाई अड्डा बनाने का कार्य प्रारंभ हो चुका है वास्तव में राजस्थान जैसे बड़े राज्य में पर्यटकों के आकर्षण के केंद्र वायु सेवा का विस्तार आवश्यक राज्य में पर्यटन उद्योग आदि को बढ़ावा देने हेतु वायु सेवा  प्रारंभ होना आवश्यक है क्योंकि इसी की सहायता से राज्य का आर्थिक विकास को नई दिशा मिलेगी और राज्य का देश और विदेश के अन्य भागों से सर संपर्क संभव हो सकेगा
राजस्थान में सर्वप्रथम 1929 में जोधपुर के महाराजा श्री उम्मेदसिह ने फ्लाइंग क्लब खोला था
राजस्थान में जुलाई 1950 में 2 वायु सेवाएं कार्य कर रही थी एक एयर इंडिया जो मुंबई अहमदाबाद जयपुर दिल्ली मार्ग पर और दूसरी इंडियन नेशनल एयरवेज कंपनी दिल्ली जोधपुर कराची मार्ग पर अपनी सेवाएं क्रमशः जयपुर और जोधपुर को प्रदान कर रही थी
1 अगस्त 1953 में वायु परिवहन का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया अब राज्य में जयपुर उदयपुर कोटा और जोधपुर दिल्ली अहमदाबाद और मुंबई हवाई सेवाओं से जुड़े हुए हैं यह सब स्थान इंडियन एयरलाइंस कारपोरेशन से संबंधित है इसके अंदर वायु सेवा उपलब्ध कराने वाली दूसरी कंपनी वायु दूत की नियमित सेवाओं के अंतर्गत अब जोधपुर जैसलमेर व बीकानेर भी देश के अन्य मार्गों से जुड़ गए हैं उदयपुर अहमदाबाद के बीच इंडियन एयरलाइंस में 1 अप्रैल 1993 से और जयपुर दिल्ली के बीच सिटी लिंक एयरवेज ने 18 अक्टूबर 1992 से अपनी-अपनी विमान सेवाएं प्रारंभ कर दी है इस प्रकार राज्य देश की वायु सेवा में उचित स्थान पा गया है अजमेर को भी शीघ्र ही वायु सेवाओं मानचित्र मैं उचित स्थान पा गया है  अजमेर को भी शीघ्र ही वायु सेवाओं से  जोड़ने का प्रावधान है
नागरिक उड्डयन गतिविधियों के संचालन हेतु राज्य में नागरिक उड्डयन विभाग के नियंत्रणाधीन निदेशालय नागरिक विमान स्थापित है जिसका गठन 1 अप्रैल 2012 को किया गया था इससे पहले राजस्थान में 20 दिसंबर 2006 को नागर विमानन निगम लिमिटेड की स्थापना की गई थी इसका उद्देश्य राजस्थान सरकार के पास उपलब्ध हेलीकॉप्टर और वायुयान का वाणिज्यिक उपयोग करने के लिए प्रस्ताव तैयार करना है राजस्थान में वर्तमान में कुल 18 एयरपोर्ट हवाई पट्टियां हैं वर्तमान में राजस्थान में 8 हवाई अड्डे हैं जिनमें से तीन हवाई अड्डे भारतीय विमान पतन प्राधिकरण के अधीन  एयरपोर्ट सांगानेर (जयपुर) डबोक (उदयपुर)कोटा है पांच हवाई अड्डे भारतीय वायुसेना के अधीन है बीकानेर जैसलमेर सूरतगढ़ बाड़मेर रातानाडा फलोदी हैं राजस्थान में उपस्थित एयरपोर्ट पट्टियों में से काकरोली राजसमंद पट्टी जे के ग्रुप के अधीन है पिलानी झुंझुनू हवाई पट्टी बिरला ग्रुप के अधीन है राज्य सरकार के अधीन 16 हवाई  पट्टियां है
जैसलमेर में राज्य का पांचवा सिविल एयरपोर्ट बनाया जा रहा है बाड़मेर में उत्तरलाई वायुसेना हवाई अड्डा और बीकानेर में नाल हवाई अड्डा है जो भूमिगत सैनिक हवाई अड्डा है किशनगढ़ में भी हवाई अड्डे का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है
जोधपुर और बीकानेर के हवाई अड्डे सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बीकानेर और सूरतगढ़ की हवाई अड्डे भूमिगत हैं बीकानेर भारत के सर्वश्रेष्ठ सैनिक हवाई अड्डों में से एक है जोधपुर अंतरराष्ट्रीय महत्व का वायुसेना का हवाई अड्डा है जहां प्रशिक्षण सुविधा भी उपलब्ध है इंडियन एयरलाइंस और वायु दूत की हवाई सेवाओं के कारण राज्य में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पर्यटन के की संख्या में काफी वृद्धि हो रही है      
विमान विकास प्राधिकरण हवाई अड्डे
सांगानेर हवाई अड्डा
सांगानेर जयपुर राजस्थान का प्रथम व देश का 14 अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है इससे 7 फरवरी 2002 को दुबई के लिए वायु सेवा शुरू की गई थी केंद्र सरकार द्वारा 29 दिसंबर 2005 को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का दर्जा दिया गया इससे संबंधित अधिसूचना फरवरी 2006 में जारी की गई सांगानेर जयपुर हवाई अड्डा अंतर्राष्ट्रीय महत्व का हवाई अड्डा है राज्य का सबसे बड़ा हवाई अड्डा है
महाराणा प्रताप हवाई अड्डा डबोक- उदयपुर
दक्षिण राजस्थान का एकमात्र हवाई अड्डा है अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का प्रारूप भेजा जा चुका है परंतु अभी स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है
कोटा हवाई अड्डा-हाडोती अचल का एकमात्र हवाई अड्डा है
भारतीय वायुसेना के अधीन हवाई अड्डे
रातानाडा हवाई अड्डा (जोधपुर)-यह सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण यह सुरक्षा कारणों की दृष्टि से वायु सेना के नियंत्रण में है यहां पर प्रशिक्षण सुविधाएं भी उपलब्ध हैं
पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर जोधपुर में नया सिविल एयरपोर्ट स्थापित किया जा रहा है।
नाल हवाई अड्डा (बीकानेर)- यह भूमिगत हवाई अड्डा है यह हवाईअड्डा एशिया का सबसे बड़ा भूमिगत हवाई अड्डा है
उत्तरलाई हवाई अड्डा (बाड़मेर)- भूमिगत हवाई अड्डा
जैसलमेर हवाई अड्डा- जैसलमेर
सूरतगढ़ हवाई अड्डा- सूरतगढ़ गंगानगर
ख्यार अजमेर हवाई अड्डा-यह हवाई अड्डा कंक्रीट के स्थान पर कांच से बनाया जाएगा।
ग्रीन क्षेत्र एयरपोर्ट
भारतीय विमान हवाई अड्डा प्राधिकरण द्वारा निर्माण
सार्वजनिक सहभागिता के आधार पर बनने वाले एयरपोर्ट परियोजनाओं को ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की संज्ञा दी गई है ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट में निजी क्षेत्र को हिस्सेदारी दी गई है  ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट में निजी क्षेत्र को हिस्सेदारी 74% और राज्य सरकार एवं भारतीय विमान प्राधिकरण की सहित हिस्सेदारी 26% होगी  ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट में शत-प्रतिशत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की अनुमति मिल चुकी है  शमशाहाबाद हैदराबाद में निर्मित राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश का पहला ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट जो जीएमआर ग्रुप द्वारा बनाया गया है 2470 करोड कि इस परियोजना में निजी क्षेत्र का हिस्सा 63 प्रतिशत है
किशनगढ़ हवाई अड्डा (अजमेर)
भारतीय विमान प्राधिकरण द्वारा किशनगढ़ अजमेर में ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे के लिए प्लान मंजूर हो गया है इसके लिए 150 करोड़ का मंजूर किया है और जैसलमेर भी मीना सिविल एयरपोर्ट बनाया जा रहा है किशनगढ़ एयरपोर्ट की घोषणा राज्य सरकार ने बजट 2013-14 में नीमराना के बाद में की थी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जून में किशनगढ़ में एयरपोर्ट का शिलान्यास किया था
नीमराणा ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट अलवर
राजस्थान देश का पहला राज्य जिसने औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति के तहत ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट का विकास करने का निर्णय लिया है राज्य में पहला ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट जयपुर दिल्ली हाईवे पर नीमराना में बनाया जाएगा इस प्रोजेक्ट में दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कारपोरेशन और राज्य सरकार एवं भारतीय विमान प्राधिकरण की संयुक्त हिस्सेदारी होगी
राज्य में दो स्थानों पर ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की स्थापना की जाएगी
1-अलवर जिले में निजी क्षेत्र में एक ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट स्थापित किया जाना प्रस्तावित है जो राष्ट्रीय राजमार्ग 8 पर डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर के पास कोटकासिम में स्थापित किया जाएगा
2-दूसरा ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट जोधपुर जिले के भोपालगढ़ तहसील के मेलावार टप्पूकड़ा और गगांणी में स्थापित किया जाएगा
विमान सेवाएं
इंडियन एयरलाइंस इसका मुख्यालय नई दिल्ली में यह घरेलू उड़ानों के लिए है
एयर इंडिया इसका मुख्यालय मुंबई में है यह अंतरराष्ट्रीय उड़ाने भरने के लिए है यह दोनों सरकारी विमान सेवा हैं
पवन हंस हेलीकॉप्टर लिमिटेड
तेल और प्राकृतिक गैस निगम और ऑयल इंडिया लिमिटेड सहित पेट्रोलियम क्षेत्र को हेलीकॉप्टर सहायता सेवाएं प्रदान करता है सुदूरवर्ती और उत्तरी पूर्वी क्षेत्र के अगम्य क्षेत्रों के साथ साथ देश के दीप समूह से संपर्क स्थापित करता है
वायु दूत सेवा
20 जनवरी 1981 को निगम के रूप में स्थापित किया ताकि पूर्वोत्तर क्षेत्र की हवाई सेवाओं की आवश्यकता को पूरा किया जा सके
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण
इसका गठन 1 अप्रैल 1955 को भारतीय अंतरराष्ट्रीय विमानपत्तन प्राधिकरण और राष्ट्रीय विमानपत्तन प्राधिकरण को मिलाकर किया गया इसके द्वारा और संरचनात्मक सुविधाओं की देखभाल की जाती है
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी
फुर्सतगंज उत्तर प्रदेश स्थित यह कंपनी रेल मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्तशासी संस्था है इसकी स्थापना व्यवसाई पायलट को उड़ान हुआ जमीन प्रशिक्षण में उच्च मानदंड को प्राप्त करने के लिए की गई थी।


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सरकारी सेवा में पदस्थापित धीरज व्यास वर्षों से अध्यापन क्षेत्र में सक्रिय है। आप इंटरनेट पर हिंदी भाषा के प्रबल समर्थक होने के साथ साथ शिक्षा के महँगी होने के पुरजोर विरोधी है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को कम शुल्क में छात्रों तक पहुँचाना आपका ध्येय है।

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