थार का रेगिस्तान :-
पूर्वी मैदानी प्रदेश :-
- यह राजस्थान के पश्चिमी भाग में स्थित हैं।
- इसका कुल आकार 2,33,100sq.km. हैं जबकि राजस्थान में इसका क्षेत्रफल 1,75,000sq. km. हैं।
- इस मरुस्थल में राज्य कि 40 % जनसँख्या निवास करती है।
- राष्ट्रीय कृषि आयोग ने राज्य के 12 जिलों को रेगिस्तानी घोषित किया हैं।
- प्राग-ऐतिहासिक काल में रेगिस्तान टेथिस महासागर का भाग था तथा प्राचीनकाल में इसमें सरस्वती नदी बहा करती थी।
- यह विश्व में सबसे अधिक जनसँख्या एंवम सर्वाधिक जैव विविधता युक्त मरुस्थल हैं।
- स्थानीय भाषा में पथरीले मरुस्थल को हम्माद ,एंवम मिश्रित मरुस्थल को रेग कहा जाता हैं।
- वर्षा ऋतु में स्तूपों में बनने वाली अस्थायी झीलें रन कहलाती हैं।
- मरुस्थल में सर्वाधिक गतिशील बालुका स्तूप बरखान कहलाते हैं।
- पवनों कि दिशा के समानांतर बनने वाले स्तूपों को अनुदैधर्य तथा पवनों कि दिशा के लंबवत बनने वाले स्तूपों को अनुप्रस्थ प्रकृति का माना जाता हैं।
- जैसलमेर जिले में स्थित चांदन नलकूप को थार का घड़ा भी कहा जाता हैं।
अरावली पर्वतमाला :-
- यह राजस्थान के मध्यवर्ती एंवम दक्षिणी भाग पर विस्तृत हैं।
- इसकी कुल लम्बाई 692km हैं जबकि राजस्थान में इसकी लम्बाई 550km हैं।
- यह पर्वतीय श्रेणी विश्व कि प्राचीनतम वलित पर्वतीय श्रृंखला हैं।
- वैज्ञानिकों के अनुसार अरावली पर्वतमाला कि उत्पति धारवाड़ युग में हुई थी।
- राज्य की सबसे पर्वतीय चोटियां क्रमशः गुरुशिखर एंवम सेर हैं,जो सिरोही जिले में स्थित हैं।
- अरावली पर्वत श्रृंखला का केंद्रीय भाग टोंक एंवम सवाईमाधोपुर जिलों में स्थित हैं।
- इस श्रृंखला का अधिकाँश भाग उदयपुर जिले में जबकि न्यूनतम भाग अजमेर जिले में हैं।
- इस श्रृंखला का अधिकाँश भाग उदयपुर जिले में जबकि न्यूनतम भाग अजमेर जिले में हैं।
- इस पर्वतीय भाग में राज्य की 17 % जनसँख्या निवास करती हैं।
- पूर्वी सिरोही क्षेत्र में ऊबड़-खाबड़ पहाड़ियों को स्थानीय भाषा में भाकर कहते हैं।
- उदयपुर क्षेत्र में तश्तरीनुमा पहाड़ियों को स्थानीय भाषा में गिरवा कहते हैं।
पूर्वी मैदानी प्रदेश :-
- यह राज्य में पूर्व दिशा की और स्थित हैं।
- यह प्रदेश राज्य के 23.6% भाग पर फैला हैं।
- इसमें राज्य कि 40% जनसँख्या निवास करती हैं।
- प्रतापगढ़ और बांसवाड़ा के मध्य छप्पन ग्रामों का समूह छप्पन का मैदान एंवम माही घाटी के मैदान के नाम से प्रसिद्ध हैं।
- माही नदी के किनारे स्थित प्रतापगढ़ जिले का भू-भाग कांठल का मैदान कहलाता हैं।
- गहरे खड्डे वाली भूमि को स्थानीय भाषा में खादर कहते हैं।
- बीहड़ भूमि को डांग कहा जाता हैं।
दक्षिणी-पूर्वी पठारी प्रदेश :-
- यह राज्य के दक्षिण-पूर्व दिशा में हैं।
- इस भू-भाग में राज्य का 9.3% भाग आता हैं।
- इस भू-भाग में राज्य की 13% जनसँख्या निवास करती हैं।
- राज्य का सर्वाधिक ऊंचा पठार उड़िया पठार हैं।
- गोगुन्दा एंवम कुम्भलगढ़ के मध्य का भाग भोराट के पठार के नाम जाता हैं।
- भैंसरोडगढ से लेकर बिजोलिया तक का पठारी भाग ऊपरमाल के नाम से जाना जाता हैं।
-चित्तौड़गढ़ का किला मेसा पठार पर स्थित हैं।
राजस्थान के भौतिक विभागों के बारें में अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें - राजस्थान के भौतिक या भौगोलिक प्रदेश
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- राज्य का सर्वाधिक ऊंचा पठार उड़िया पठार हैं।
- गोगुन्दा एंवम कुम्भलगढ़ के मध्य का भाग भोराट के पठार के नाम जाता हैं।
- भैंसरोडगढ से लेकर बिजोलिया तक का पठारी भाग ऊपरमाल के नाम से जाना जाता हैं।
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अरावली पर्वतमाला दिल्ली में कहां जाकर खत्म होती है
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